Lagan main shani ka Phal kesa hota hai | Chamatkar chintamani
शनि एक तेज प्रवृति का ग्रह है। शनिदेव शीघ्र उग्र हो जाते हैं तो वहीं शांतभाव में अचानक लाभ पहुंचाते हैं। इनके पिता सूर्य देव हैं जिनसे इनकी नहीं बनती और ये इनसे दूरी ही बनाए रखते हैं। शनि देव के उग्र स्वभाव के कारण इनके पिता सूर्य देव ने इनको अपने से दूर कर दिया था। शनि देव का रंग काला है और इनका वाहन कौआ है। जिन जातको को लग्न में शनि होता है वे जातक क्रोधी स्वभाव के होते हैं। ऐसा माना जाता है कि लग्न में शनि होता है वह शुभ नहीं माना जाता।Lagan main shani ka Phal| Chamtkar chintamani
चमत्कार चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार – ”धनेनातिपूर्णोsतितृष्णोविवादीतनुस्थेsर्कजेस्थूलदृष्टिर्नरः स्यात। विषं दृष्टिज त्वाधिक्-द्व्याधिवाधः त्वयं पीडितो मत्सरावेश एव।।”
चमत्कार चिंतामणि के इस श्लोक का अर्थ है कि जिस जातक के लग्न में शनि हो व काफी धन कमा लेता है। लग्न में शनि होने के कारण वह लालची, लड़ाकू, बड़े-बड़े नेत्रों वाला होता है। उसके नेत्र विषैले होते हैं। इनसे वह दूसरों पर अपना प्रभाव जमाने का प्रयास करता है। बाहर से यह स्वयं को बहादुर जताने का प्रयास करता है लेकिन अंदर से एकदम से डरपोक होता है । ईष्या करता है और परेशान रहता है। Lagan main shani ka Phal| Chamtkar chintamani
Lagan main shani ka Phal- लग्न का शनि जातक को घंमडी बना देता है आलसी व हीन मानसिकता का बना देता है। शरीर व बाल खुश्क, रंगत फीकी या कालापन लिए होती है। यदि शनि के साथ मंगल लग्न में हो तो जातक की दुर्घटना होती है और उसे सफल होने के लिए बहुत ही मेहनत करनी पड़ती है। यदि शनि मंगल के साथ आयु भाव यानि कि आठवें भाव में बैठा हो तो मृत्युतुल्य कष्ट होता है और जातक की आयु कम होती है। जातक को जेल भी हो जाती है। इसी दौरान जातक के लग्न में शनि उच्च का हो और इस पर गुरु-शुक्र ग्रहों की नजर पड़ रही हो तो जातक धनी होता है और उच्च पद मिलता है। उच्च का शनि अपनी दशा-महादशा में भी लाभ देता है। Lagan main shani ka Phal| Chamtkar chintamani Shani Mangal Yuti Hindi
शनि लग्न में हो जाताक के पहले 30 साल तक तो कष्ट में ही गुजरते हैं। परिवार में अकेला पुरुष होने पर सारे परिवार की जिम्मेदारी उसपर आ जाती है। उसके जीवन में ठहराव 30 साल के बाद ही आता है। लग्न का शनि शादीशुदा जीवन को भी प्रभावित करता है। शादीशुदा जीवन में झगड़े होते रहते हैं आपस में नहीं बनती।
जिन जातको के लग्न में शनि हो उनको शनि का दान व पूजन करवाते रहना चाहिए।
इनके बहुत कम मित्र होते हैं। शनि स्वग्रही उच्चस्थ या गुरु की राशि में हो तो राजकीय सम्मान मिलता है। वैभव व प्रतिष्ठा मिलती है। कर्क, धनु व् मकर राशि का शनि लाभदायक होता है।
लग्न में शनि के साथ गुरु का योग हो तो भी जातक बुद्धिमान व प्रसिद्ध होता है। वह स्वभाव से गंभीर चिंतन करता है। लग्न में शनि के साथ चंद्रमा की युति हो तो ऐसा जातक दूसरों के पैसों पर पलता है, वह स्वयं कुछ ज्यादा नहीं कर पाता। प्रेम संबंधों में असफलता नेगेटिव शनि के कारण होता है। आलस, दरिद्रता ,चोरी , प्रेत बाधा से कष्ट शनि के नेगेटिव होने पर ही मिलते हैं। शनि के नेगेटिव होने से शनि के कारण जातक अपंग,, मूर्ख, रोगी एवं दुष्ट बुद्धि का होता है। Remedies For shani Sadesati
शनि मिथुन राशि में हो तो जातक के दो विवाह होते हैं। मेष, सिंह, धनु या जलतत्व राशि का शनि जातक को अच्छी नौकरी दिलवाता है। कर्क, वृश्चिक, मीन का शनि जातक को ईमानदार, अच्छे स्वभाव वाला बनाता है। Lagan main shani ka Phal| Chamtkar chintamani
वृषभ, कन्या, मकर तथा कुम्भ राशि का लग्नस्थ शनि जातक को सरकारी नौकरी दिलवाता है। लग्न में शनि व् शुक्र की युति होने से जातक का विवाह देरी से होता है और अड़चनें भी आती हैं।
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