पीलिया झाड़ने का मंत्र-  विश्व प्रसिद्ध तांत्रिक व ज्योतिषि भृगु जी पीलिया फ्री में झाड़ने का काम करते हैं। पीलिया किसी प्रकार का हो सकता है। मंत्र की ताकत से पीलिया खत्म हो जाता है। मंत्र से झाड़ा देने से पीलिया के रोगी को तुरंत आराम आ जाता है।  आंवला के पाऊडर को को जल में उबाल के पिलाने से भी पीलिया ठीक हो जाता है।  नीचे दिए गए मंत्र को सिद्ध कर लिया जाए तो आप भी पीलिया के रोगी का इलाज कर सकते हैं। pilia jhadne ka Mantra |पीलिया झाड़ने का मंत्र

piliya removal mantra,पीलिया झाड़ना near me-  “ॐ  नमो  वीर  बेताल असुरल नहर सिंह देव जी स्वादि तुरवादी सुभाल तुभाल , पीलिया को काटे , झारे पीलिया रहे न नेक निशान , जो रह जाय तो हनुमान की आन।

शुद्ध सरसों का तेल एक कटोरे में लेकर रोगी के मस्तक पर चन्दन से साथ एक बार मले और प्रत्येक बार मंत्र का उच्चारण करते रहें। इसे दिन में कम से कम दो बार जरूर करें। इसके इलावा मोर पंख से 7 सात बार मंत्र पढ़कर झाड़ा करें। इसके इलावा इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं- pilia jhadne ka Mantra |पीलिया झाड़ने का मंत्र- “ओम नमो वीर बेतालइसराल, नार कहे तू देख, तू खादी तू वादी, पीलिया कूं मिदाती कारै.., और पीलिया रहे न एक निशान। जो कहीं रह जाए तो हनुमंत की आन… मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र इश्वरों वाचा।”

pilia utarane ka mantra (पीलिया उतारने का मंत्र)- यह मंत्र पीलिया झाड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल लेकर रोगी के सिर पर रखें और कुशा से उस तेल को चलाते हुए उक्त मंत्र को 31 बार पढ़ें। ऐसा 3 दिन तक करने से तेल फीका पड़ जाएगा और पीलिया ठीक हो जाएगा।  pilia jhadne ka Mantra |पीलिया झाड़ने का मंत्र पीलिया से छुटकारा पाने के लिए आर्युवेदिक नुस्खे , पीलिया झाड़ने की दुआ , पीलिया नाशक मंत्र  (2024)

पीलीया झाड़ने का दूसरा मंत्र (pilia jhadne ka mantra) पीलिया का झाड़ा मंत्र –

काली रात एक नदी, 2 तीर 7 समुद्र का ।

जगमग नीर, कामाख्या  रानी का गौरी।।

पिंडा, भैरवनाथ हरो सब पीरा, शब्द सांचा।

पिंड काचा, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।

दूब से भी झाड़ा जाता है पीलिया-  सिद्द मंत्रों की शक्ति व दूब (एक विशेष तरह की घास) से पीलिया को झाड़ा जाता है।  इसके लिए साधारण व आसान सा उपाय किया जाता है। एक कांसे की थाली ली जाती है और उसमें सरसों का तेल डाला जाता है। इसके बाद उसमें उसे दूब को घुमाया जाता है । दूब को एक शक्तिशाली औषधी माना जाता है। यह शरीर में उत्पन्न हुई गर्मी व नेगेटिव एनर्जी को बाहर खींच लेती है। know About pilia Hindi

चूना से पीलिया झाड़ने का मंत्र-  चूना कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकता है। चूना को इस्तेमाल बहुत ही ध्यान से करना चाहिए। यदि चूने की मात्रा ज्यादा ले ली जाए तो जान भी खतरे में पड़ सकती है। यदि किसी को पीलिया हो गया है तो गेंहूं के दाने के बराबर चूने के एक बड़े गिलास गन्ने के रस में डालकर पीने से पीलिया दूर हो जाता है। ध्यान रहे चूने की मात्रा ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

कत्थे से पीलिए का उपचार- पीलिया को दूर करने के लिए कत्खे का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जाता है। किसी के मुंह में दाने हो जाएं तो कत्थे को मुंह में लगाने से छाले खत्म हो जाते हैं। थोड़े से कत्थे को पान के पत्ते में गुलकंद व शहद लगाकर लेने से पीलिया कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। इस दौरान ऊपर बताए गए पीलिया झाड़ना मंत्र का भी उच्चारण किया जा सकता है। मंदिर के पंडित जी से मोर पंख से झाड़ना करवाने से भी पीलिया व नजर का उतारा हो जाता है। 

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आक की कोंपल से से पीलिया का उपचार- आक की निकल रही कोंपल से पीलिया का उपचार होता है। आक एक जहरीला पौधा है। इसका दूध किसी की आंख में पड़ जाए नजर खत्म हो सकती है।आक की कोंपल को पान के पत्ते में लपेट कर खिलाने से 3 दिन में पीलिया ठीक हो जाता है। 

पुनर्नवा की जड़ से पीलिया का इलाज- पुनर्नवा बूटी की जड़ से भी पीलिया का उपचार होता। पुनर्नवा की जड़ को पीसकर पानी में डालकर पिलाने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

पीलिया का इलाज पतंजलि- इसके इलावा पतंजलि के सर्वकल्प क्वाथ (SARVKALP KVATH) को पीने से पीलिया का उपचार हो जाता है। 

पीलिया झाड़ने वाले ज्योतिषी व वैधजी  का कहना है कि आप देखें कि जब सरसों के तेल का रंग बदल जाए या  अधिक गहरा हो जाए तो समझो की पीलिया की मात्रा शरीर में अधिक  है। 5 से 7 दिन तक आपको  नियमित तौर पर पीलिया झड़वाना पड़ता  है।  पीलिया झाड़ने के अलावा वे जड़ी बूटियों से बनी दवा भी मरीजों को दी जाती  देते है।  पीलिया में परहेज करना बहुत ही जरूरी होता है । 

kya hota hai piliya- पीलिया का रोग परेशानी का कारण बनता जा रहा है। सही खानपान न होने व शराब आदि का अत्यधिक प्रयोग करने से पीलिया के रोग में बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसा देखा गया है कि जिन लोगों का खानपान सही नहीं है, ज्यादा शराब का सेवन करते हैं व धूम्रपान करते हैं उनको पीलिया होने की सम्भावना ज्यादा होती है। ज्यादा गर्मी तथा बरसात के दिनों में पीलिया होने की सम्भावना ज्यादा होती  है। पीलिया होने से शरीर लीवर सही ढंग से काम नहीं करता जिस कारण शरीर में खून की कमी होने पर शरीर का रंग धीरे-धीरे  पीला पड़ने लगता है। पाचन तंत्र कमजोर होने के कारण भूख ही नहीं लगती। 

पीलिया के आंखों के सफेद हिस्से का पीला पड़ना, नाखून का पीला होना और पेशाब में पीलापन इसके लक्षण हैं। इन लक्षणों की अनदेखी भारी पड़ सकती है। अगर आप पीलिया से पीड़ित हैं तो इन उपायों को आजमा कर जल्द सामान्य हो सकते हैं।

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पीलिया के लक्षण (Piliya ke lakshan)- इसके मुख्य लक्षणों में मरीज को भूख नहीं लगती, आंखों की पुतलियों का रंग पीला पड़ जाता है, नाखून भी पीले पड़ जाते हैं और पीले रंग का पेशाब आता है। 

कैसे होता है पीलिया- यह रोग “हेपेटाइटिस ए” व “हेपेटाइटिस सी” नामक वायरस के कारण होता है। इस रोग की कोई पक्की कारगर दवाई नहीं है और इसका इलाज देसी दवाइयों से हो सकता है। हालांकि डाक्टर इसके लिए कुछ एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं जिनको लगातार खाने से रोग ठीक हो जाता है। यदि पीलिया के दौरान खाने पीने का ध्यान रखा जाए तो यह रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है।

पीलिया में क्या खाएं- जिस किसी को भी पीलिया हो जाता है उसे गन्ने का रस, मूली का रस, टमाटर का रस, गिलोय का रस, नीम का रस, आंवले का मुरब्बा या रस,  नींबू का रस, अजुर्न की छाल,का रस आदि का सेवन किया जाना चाहिए।

 क्या न खाएं पीलिया में-  पीलिया के दौरान घी का सेवन न करें, मीट न खाएं, तेल से तली चीजें बिल्कुल न खाएं, नमक बहुत कम खाएं हो सके तो नमक न ही खाएं, ज्यादा मिर्च, चीनी, चॉकलेट, खोया, उड़द की दाल, अंडे व मिठाई का सेवन न करें। कॉफी का  सेवन करने से परहेज करें। जिन चीजों की तासीर गर्म हो इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

गिलोय की लता को गले में या शरीर में बांधने से पीलिया ठीक होता है। अरंडी के पत्तों का आधा चम्मच रस 250 ग्राम देसी गाय के दूध में मिलाकर देने से पीलिया 7 दिन में ठीक हो जाता है। 21 ग्राम फिटकरी लेकर उसको भून लें, फिर इसके बाद इसकी 21 बराबर मात्रा में पुडियां बना लें। 21 दिन तक हर रोज दही के साथ खाने से पीलिया दूर हो जाता है।

What is The Mantra To Get Rid Of Jaundice?

It’s important to note that while traditional practices and mantras may have cultural or spiritual significance, they are not a substitute for medical treatment. Jaundice is a medical condition that requires professional medical attention. If you suspect you or someone else has jaundice, it is crucial to consult with a healthcare professional for proper diagnosis and treatment.

That said, if you are interested in mantras for overall well-being, you may consider general mantras for health and healing. One example is the Mahamrityunjaya Mantra, which is a powerful mantra from the Rigveda:

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्”

(Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushtivardhanam
Urvarukamiva Bandhanan Mrityor Mukshiya Maamritat)

Please remember that the effectiveness of such mantras is subjective and varies among individuals. Always prioritize medical advice and treatment for any health concerns.

FAQ about “Piliya Jhadne Ka Mantra” (a mantra or ritual believed to cure jaundice):

FAQ: Piliya Jhadne Ka Mantra

1. What is “Piliya Jhadne Ka Mantra”?
– “Piliya Jhadne Ka Mantra” refers to a traditional, spiritual practice where a mantra (a sacred chant or prayer) is used with the belief that it can help cure jaundice (“piliya” in Hindi). This practice is often accompanied by specific rituals or remedies passed down through generations.

2. How is the mantra used in treating jaundice?
– The mantra is usually recited by a healer or a knowledgeable elder. In some traditions, the person affected by jaundice might be asked to drink a specific herbal concoction or perform a ritual while the mantra is being chanted. The belief is that the mantra will drive away the illness.

3. Is there any scientific basis for this practice?
– No, there is no scientific evidence supporting the efficacy of mantras in curing jaundice. Jaundice is a medical condition that results from an underlying issue with the liver, bile ducts, or red blood cells, and it requires proper medical diagnosis and treatment.

4. Can the mantra be harmful?
– The mantra itself is not harmful, but relying solely on it and delaying proper medical treatment can be dangerous. Jaundice can be a sign of serious underlying health conditions that need timely medical attention.

5. Are there any risks associated with not seeking medical treatment?
– Yes, jaundice can be a symptom of liver diseases, hepatitis, gallstones, or other serious conditions. Ignoring medical treatment in favor of spiritual practices alone can lead to complications, including severe liver damage or even death.

6. Should I use the mantra alongside medical treatment?
– While the mantra can be used as a supplementary spiritual practice for those who believe in it, it should not replace medical treatment. Always consult a healthcare professional for an accurate diagnosis and appropriate treatment plan.

7. What are the medical treatments for jaundice?
– Medical treatments for jaundice depend on the underlying cause. These may include medications, lifestyle changes, surgery, or other medical interventions. It’s essential to follow a doctor’s advice for treatment.

8. Why do some people still use this mantra?
– The use of mantras for healing is deeply rooted in cultural and spiritual beliefs. Many people in rural or traditional communities may rely on such practices due to a lack of access to medical facilities, cultural norms, or a belief in the power of spiritual healing.

9. How can I support someone who believes in this mantra?
– It’s important to respect their beliefs while gently encouraging them to seek medical advice. You can accompany them to a healthcare professional and explain that spiritual practices can be combined with modern medicine for better health outcomes.

10. Where can I find more information about treating jaundice?
– You can consult a doctor or healthcare provider for detailed information on treating jaundice. Trusted medical websites, health organizations, and hospitals are also reliable sources of information.

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नोट- यह लेख केवल जानकारी के लिए लिखा गया है, दवाई आदि का सेवन करने से पहले प्रशिक्षित वैध जी व डाक्टर की सलाह लें। बिना सलाह के इनका सेवन हानिकारक हो सकता है। Guru ji 


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